सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अन्तर्गत अध्येताओं का आगमन

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1. सामान्‍य

1.1 भा.सा.वि.अ.प. सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के सामाजिक विज्ञान घटक के लिए अन्य देशों के साथ समझौतों के तहत भारत सरकार द्वारा हस्ताक्षरित कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है।

1.2 भा.सा.वि.अ.प. न केवल भारतीय सामाजिक वैज्ञानिकों को अन्य देशों का दौरा करने के लिए प्रायोजित करता है बल्कि विनिमय कार्यक्रमों के तहत विदेशी विद्वानों का स्‍वागत भी करता है। इस तरह की यात्राओं का उद्देश्य सामाजिक वैज्ञानिकों को शोध सामग्री एकत्र करने, व्याख्यान देने, संगोष्ठियों में भाग लेने, पुस्तकालयों से परामर्श करने और सामाजिक वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने में सहयोग प्रदान करना है।

2. सहायता के लिए पात्रता

2.1 सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में लगे हुए शोधार्थी जिन्हें अपने विशिष्ट शोध के लिए अनुसंधान सामग्री के संग्रहण, परामर्श और विशेषज्ञों के साथ वार्तालाप आदि के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के तहत किसी भी देश का दौरा करने की आवश्यकता हो सकती है।

2.2 शोध प्रस्ताव आवेदन का विषय या तो दौरा करने वाले देश से संबंधित होना चाहिए या भारत और दौरा करने वाले देश का एक तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए।

2.3 अन्य शैक्षणिक योग्यता समान होने पर निम्‍न को वरीयता दी जाएगी:

क. युवा भारतीय सामाजिक वैज्ञानिक, जो या तो यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों, सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान संस्थानों अथवा भा.सा.वि.अ.प. द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों में संकाय सदस्य हैं;
ख. मेजबान देश की भाषा का ज्ञान रखने वाले विद्वान;
ग. तुलनात्मक प्रासंगिक विषयों पर काम करने वाले विद्वान;
घ. अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के विद्वान, निर्धारित विकलांगता श्रेणियों और पिछड़े क्षेत्रों के व्यक्ति।

3. आवेदन कैसे करें

3.1 वित्तीय सहायता के लिए सभी आवेदन, इन दिशानिर्देशों के साथ संलग्न किये गये सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों हेतु निर्धारित आवेदन पत्र पर, निम्नलिखित सभी अनुलग्नकों और संलग्नकों के साथ किए जाने हैं, जो आवेदन पत्र के अंर्तगत आवश्यक हैं: -

अनुलग्नक I: सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत यात्राओं के प्रस्ताव का सार
अनुलग्नक II: प्रार्थी का संक्षिप्त शैक्षणिक परिचय पत्र
अनुलग्नक III: विस्‍तृत प्रस्ताव जिसके लिए सहायता मांगी गई है और जो 5000 शब्दों से अधिक नहीं हो। प्रस्ताव में अध्ययन की जाने वाली समस्या का सूत्रीकरण, शोध प्रश्नों और उद्देश्यों का विवरण, वैचारिक/सैद्धांतिक मुद्दे और शोध अभिकल्‍प सम्मिलित होना चाहिए।
अनुलग्नक IV: विधिवत प्रमाणित अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ मानक विकलांगता वाले व्यक्ति का प्रमाण पत्र, यदि लागू हो तो।
अनुलग्नक V: एक कार्य योजना जिसमें अनुसंधान कार्य के संबंध में पहले से आदान-प्रदान किए गए पत्राचार की प्रतियों के साथ उन व्यक्तियों और संस्थानों के नामों का विवरण हो जिनसे आवेदक मिलना / जाना चाहता है।
अनुलग्नक VI: संबंधित संस्थान के माध्यम से आवेदन अग्रेषित करने का प्रारूप।

3.2 सभी आवेदन पत्र सॉफ्ट कॉपी में ईमेल या ऑनलाइन माध्यम से, जो भी संभव हो, जमा किए जाने चाहिये। बाद में अनुलग्नकों और संलग्नकों के साथ आवेदन की एक मुद्रित प्रति भी भेजी जानी चाहिए, जो निर्धारित प्रारूप में संगठन के प्रमुख के हस्ताक्षर के साथ विधिवत अग्रेषित की गयी हो।

3.3 इस योजना के अंर्तगत यात्राओं के लिए आवेदन अन्य देशों में भागीदार संगठनों के साथ समझौतों के प्रावधानों के अनुसार आमंत्रित किए जाते हैं। इस कार्यक्रम के अंर्तगत आवेदन भा.सा.वि.अ.प. वेबसाइट ( www.icssr.org . )पर एक विज्ञापन के माध्यम से आमंत्रित किए जाते हैं।

3.4 अपूर्ण और विधिवत अग्रेषित नहीं किए गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जायेगा।

4. अवधि और वित्तीय सहायता की मात्रा

4.1 यात्रा की अवधि संबंधित देशों के साथ समझौता ज्ञापनों में वर्णित नियम और शर्तो के अनुसार होगी।

4.2 विभिन्न विनिमय कार्यक्रमों के अंतर्गत उपलब्ध वित्तीय सहायता के ब्यौरे संबंधित समझौता पत्रों में निर्धारित किए गए हैं। फिर भी सामान्यत:, भा.सा.वि.अ.प. भारतीय विद्वानों के लिए इकॉनामी क्‍लास से हवाई किराया (आने-जाने के लिए), यात्रा बीमा, वीजा शुल्क आदि खर्चों को वहन करता है, जबकि स्थानीय आतिथ्य, जिसमें आवास, दैनिक भत्ता, आंतरिक यात्रा आदि सम्मिलित हैं, मेजबान देश द्वारा वहन किए जाते हैं। इसी तरह, भा.सा.वि.अ.प. विदेशी विद्वानों के लिए स्थानीय आतिथ्य और अन्य खर्चों को वहन करता है और उनका हवाई किराया संबंधित देशों द्वारा प्रदान किया जाता है।

5. वित्‍तीय सहयोग की प्रक्रिया

5.1 आवेदनों की शुरुआत में भा.सा.वि.अ.प. सचिवालय द्वारा जांच की जाती है।

5.2 इसके बाद एक विशेषज्ञ समिति आवेदक की अनुसंधान पृष्ठभूमि, शोध पत्र की गुणवत्ता के आधार पर आवेदनों का चयन करती है।

5.3 विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को इसके अंतिम अनुमोदन के लिए अनुसंधान समिति/परिषद के समक्ष रखा जाता है।

5.4 चयनित आवेदकों के मामले को यदि आवश्यक हो, तो मंजूरी प्राप्त करने के लिए भारत सरकार को भेजा जाएगा।

5.5 यात्रा भी मेजबान देश द्वारा अनुमोदन के अधीन है।

6. सामान्य शर्तें

6.1 आवेदक अपनी यात्रा की व्यवस्था जैसे कि हवाई टिकट, वीजा इत्‍यादि का इंतजाम स्‍वंय करेंगे।

6.2 हवाई यात्रा, वीजा शुल्क, यात्रा बीमा, भारत में आंतरिक यात्रा इत्‍यादि पर हुए व्यय का भुगतान मूल बोर्डिंग पास, हवाई किराए की रसीदें, यात्रा बीमा और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की रसीदों के साथ ही यात्रा के पूरा होने के पश्‍चात किए गए कार्य की एक विस्तृत रिपोर्ट जमा करने पर किया जाएगा।

6.3 यात्रा पूरी होने के बाद, शोधार्थी को निम्‍नलिखित आवश्‍यक दस्‍तावेज प्रस्तुत करने होंगे:-

(क) शोधार्थियों के साथ बैठक, अनुसंधान संस्थानों, पुस्तकालयों और अभिलेखागारों आदि के दौरे पर किए गए कार्यों के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट।
(ख) यदि अनुसंधान सामग्री के संग्रह, विशेषज्ञों के साथ परामर्श और बातचीत आदि से प्रकाशित मोनोग्राफ/पुस्तक के माध्यम से कोई प्रकाशन किया जाता है, तो भा.सा.वि.अ.प. के वित्तपोषण को विधिवत रूप से स्वीकार किया जाना चाहिए और प्रकाशन की एक प्रति भा.सा.वि.अ.प. को भेजी जानी चाहिए।

6.4 यदि कोई शोधार्थी किए गए कार्यों पर एक विस्तृत रिपोर्ट भा.सा.वि.अ.प. को प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो वह भविष्य में भा.सा.वि.अ.प. की किसी भी योजना के तहत सहायता के लिए पात्र नहीं होगा।

6.5 वित्‍तीय सहायता के दूसरे आवेदनों पर तीन वर्ष की अवधि के अंतराल के बाद ही विचार किया जाएगा।

6.6 इस योजना के तहत वित्तीय सहायता एक शोधार्थी को उसके जीवनकाल में केवल दो बार उपलब्ध है।